विभिन्न मीडिया श्रोतों से प्राप्त जानकरियों के अनुसार इस दुखद घटना के तार धीरे-धीरे खुल रहे हैं। भारत सरकार इस दिशा में सतर्कता से सक्रिय भी है जिसे तमाम विपक्षी दलों के साथ-साथ देश के आवाम का भी समर्थन प्राप्त है। सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी आहूत किया है।
फ्रंट लाईन मीडीया में यह बात भी सामने आई है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या की, कलमा नहीं पढ़ने पर भी गोली मारी गई। इसकी जितनी भी निन्दा की जाय वो कम है। लेकिन हमें आतंकवादियों के आका हमारे पड़ोसी देश की चाल को भी समझने की जरूरत है। वो तो चाहता ही है कि सामाजिक सद्भाव से बढ़ते हुए भारत में धार्मिक नफरत फैले और देश में अराजक स्थिति पैदा हो।
हमारे देश में मीडिया के तंत्र की पहुँच सुदूर गाँव तक भी है। मीडिया का आज यह नैतिक दायित्व है कि आतंकी और उसके आका देश की गंदी नीयत और साजिश को जन-जन तक पहुँचाए ताकि हमारे देशवासियों में कोई नफरती माहौल न पनपे और हम डटकर ऐसे कुकृत्यों का जवाब दे सकें।
यह किसी व्यक्ति, किसी धर्म, किसी राज्य का मामला नहीं बल्कि यह हमारे देश के मर्म पर हमला हुआ है जिसे हम सबको समझना ही होगा। जैसे आज सरकार के साथ पूरा देश खड़ा है वैसे ही मेन मीडिया सहित अन्य तमाम मीडिया का स्वर एक होने की जरूरत है। मीडिया को अपनी असीम शक्ति का उपयोग देश में शाँति सद्भाव के लिए, आतंकियों के इरादे को बेनकाब करने के उद्देश्य से ही करना चाहिए वरना दुश्मन देश अपने इरादे में सफल हो जाएंगे।
सबको सन्मति दे भगवान!
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